जोमैटो जो की एक प्रसिद्ध फूड डिलीवरी ऐप (Online Food Delivery Zomato) है उसके देशभर में लाखों कस्टमर्स हैं. चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (State Consumer Disputes Redressal Commission Chandigarh) ने इस फूड डिलीवरी ऐप पर कार्रवाई करते हुए कुल 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल, जोमैटो (Zomato) के खिलाफ एक ग्राहक ने चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद कमीशन ने इसके ऊपर कार्रवाई करते हुए यह आदेश दिया है. बता दें कि कंपनी ने एक कैंपेन चलाया था जिसमें उसने खाना समय से पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन बाद में उसने आर्डर कैंसिल कर दिया था. ऐसे में इस मामले पर कमीशन ने जोमैटो पर कार्रवाई (Penalty on Zomato) की है.
क्या है मामला?
आपको बता दें कि यह मामला साल 2020 का है जब जोमैटो फूड डिलीवरी ऐप ने एक स्पेशल कैंपेन चलाया था. इस कैंपेन में कंपनी ने यह दावा किया था कि वह एक निश्चित समय में ग्राहकों के घर तक खाना डिलीवर करेंगी. ऐसा न करने की स्थिति में ग्राहकों को पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे. ऐसे में एक कस्टमर अजय शर्मा ने एक पिज्जा का आर्डर दिया, जिसके लिए उन्होंने पूरे 287 रुपये चुकाए. इसके साथ ही उन्होंने 10 रुपये एक्स्ट्रा डिलीवरी चार्ज (Delivery Food Charges) के रूप में चुकाए. बाद में कंपनी ने बिना कुछ कारण बताए ऑर्डर को प्लेस करने के 15 मिनट बाद कैंसिल कर दिया और रिफंड प्रोसेस को शुरू कर दिया.
कंपनी ने 10 रुपये का लिए एक्स्ट्रा चार्ज
न्यूज 18 में छपी रिपोर्ट के अनुसार इस मामले पर कस्टमर अजय शर्मा ने बताया कि कैंपेन चलने के बाद भी कंपनी ने खाना ऑर्डर प्लेस करके कैंसिल कर दिया. यह कंपनी की तरफ से बड़ी लापरवाही की है. इसके साथ ही कंपनी ने खाना डिलीवरी करने के लिए 10 रुपये का एक्स्ट्रा चार्ज लिया और उसके बाद भी खाने को नहीं पहुंचाया. यह कंपनी की लापरवाही को दर्शाता है.
कोर्ट ने जोमैटो को दिया यह आदेश
खबरों के मुताबिक साल 2020 के इस मामले को लेकर कंज्यूमर अजय शर्मा सबसे पहले राजधानी दिल्ली के कंज्यूमर प्रोटेक्शन कोर्ट (Consumer Protection Court Delhi) गए, लेकिन कोर्ट ने उनकी इस शिकायत को खारिज कर दिया. इसके बाद वह शिकायत को लेकर चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल गए जहां उनकी शिकायत को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कंपनी को 10,000 रुपये बतौर मुआवजा कस्टमर को देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कंपनी को कस्टमर को एक फ्री मील देने का आदेश भी कोर्ट द्वारा दिया गया है. यह फ्री मील 30 दिनों के अंदर कंपनी को कस्टमर को देनी होगी.